मंगल
ग्रह आत्मविश्वास,
अहंकार,
ताकत,
क्रोध,
आवेग,
वीरता,
साहसिक
प्रकृति और शारीरिक ऊर्जा
का
प्रतिनिधित्व करता है। यह
रक्त,
मांसपेशियों,
अस्थि
मज्जा पर शासन करता है।मंगल
को ग्रहों में सेनापति कहा
गया है । जीवन में ऊर्जा देने
का काम मंगल ही करता है। मंगल
लड़ाई,
युद्ध
और सैनिकों के साथ भी जुड़ा
हुआ है। मंगल
को अकेले रहना पसंद हैं।
किसी ग्रह के साथ युति होने
पर मंगल अपने कारक का फल प्रकट
करने में समय लगा देता हैं। दशम
भाव में मंगल सबसे अधिक बलवान
हो जाता है। मंगल
जमीन और अग्नि का भी कारक है
जिनकी कुंडली में मंगल अच्छा
होता है उनके पास बड़े रेस्टोरेंट,
होटल
और भूमि होती है। मंगल
ग्रह को मजबूत करने के लिए शहद,
जौ,
गुड़
और मसूर की दाल का
सेवन करना उत्तम होता है.
तांबे
या पीतल के पात्र में रखा पानी
पीना भी लाभदायक होता है.
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