ज्योतिष
में शनि ग्रह को आयु,
दुख,
रोग,
पीड़ा,
विज्ञान,
तकनीकी,
लोहा,
खनिज
तेल,
कर्मचारी,
सेवक,
जेल
आदि का कारक माना जाता है। यह
मकर
और
कुंभ
राशि
का स्वामी होता है। शनि का
गोचर एक राशि में ढ़ाई वर्ष
तक रहता है। इसे शनि ढैय्या
कहते हैं। नौ ग्रहों में शनि
की गति सबसे मंद है। शनि की
दशा साढ़े सात वर्ष की होती
है जिसे शनि
की साढ़े साती कहा
जाता है। शनि ग्रह को भले एक
क्रूर ग्रह माना जाता है परंतु
यह पीड़ित होने पर ही जातकों
को नकारात्मक फल देता है। शनि
न्यायाधीश है। शनि
को सन्तुलन और न्याय का ग्रह
माना गया है। जो लोग अनुचित
बातों के द्वारा अपनी चलाने
की कोशिश करते हैं,
जो
बात समाज के हित में नही होती
है और उसको मान्यता देने की
कोशिश करते है,
अहम
के कारण अपनी ही बात को सबसे
आगे रखते हैं,
अनुचित
विषमता,
अथवा
अस्वभाविक समता को आश्रय देते
हैं,
शनि
उनको ही पीडित करता है। शनि
हमसे कुपित न हो,
उससे
पहले ही हमे समझ लेना चाहिये,
कि
हम कहीं अन्याय तो नही कर रहे
हैं,
या
अनावश्यक विषमता का साथ तो
नही दे रहे हैं। अतः यह व्यक्तियों
को उनके कर्म के आधार पर फल
प्रदान करता है।
शनि
जब जातक को पीडित करता है,
तो
चारों तरफ़ तबाही मचा देता
है। जातक को कोई भी रास्ता
चलने के लिये नही मिलता है।
करोडपति को भी खाकपति बना देना है।शनि
ग्रह को शांत कर शुभ फल पाने
के लिए ज्योतिष में कुछ उपायों
के बारे में बताया गया है.
- शनि दोष को कम करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें।
- शनि अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करें।
- शनिवार के दिन मछलियों को आटा खिलाएं।
- शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के जड़ में पानी अर्पित करें और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- शनि देव की कूर दृष्टि से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना अचूक उपाय है. श्री हनुमान चालीसा का पाठ शनि के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है.
- शनि देव को तिल, तेल और छायापात्र दान अत्यन्त प्रिय हैं. माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से शनि ग्रह शांत होता है
- शनिवार के दिनधतूरे की जड़ को गले या हाथ में बांधकर इसको धारण करें. इस जड़ को धारण करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- सात मुखी रुद्राक्ष रुद्राक्ष धारण करने से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शनि ग्रह से संबंधित दोष दूर होता है.
- शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए प्रत्येक शनिवार शनि देव पर सरसो का तेल चढ़ाए। इससे शनि ग्रह के दुष्प्रभाव समाप्त होते है।
- शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह पर नीलम रत्न भी धारण किया जा सकता है।
- शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए काले देसी चने सरसो के तेल में छोंककर शनिवार की शाम को गरीबो में बांटे।
- शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए काली साबुत उड़द का दान शनि मंदिर में करे। इससे शनि के नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते है।
मंत्र -
शनि
का वैदिक मंत्र
ॐ
शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु
पीतये।
शं
योरभि स्त्रवन्तु न:।।
शनि
का तांत्रिक मंत्र
ॐ
शं शनैश्चराय नमः।।
शनि
का बीज मंत्र
ॐ
प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय
नमः।।
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