Dr. Rajkumar Sahitya

THE BEST WAY TO SOLVE THE PROBLEMS

THE BEST WAY TO SOLVE THE PROBLEMS

09/09/2023

 


शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिकशारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख,वैवाहिकसुख,भोगविलासशौहरतकलाप्रतिभासौन्दर्यरोमांसकाम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।शुक्र ग्रह कोरियोग्राफी, संगीतकार, पेंटर, फैशन, डिज़ाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कपड़ा संबंधी व्यवसाय, होटल, रेस्ट्रोरेंट, टूर एंड ट्रेवल, थिएटर, साहित्यकार, फिल्म इंडस्ट्री आदि कार्यक्षेत्र को दर्शाता है। शुक्र किसी को आकर्षित करने या उनकी ओर आकर्षित होने की क्षमता प्रदान करता है। शुक्र ग्रह  वृष और तुला राशि का स्वामी है.

पीड़ित शुक्र के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आती हैं। पती-पत्नि के बीच मतभेद होते हैं। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है और वह भौतिक सुखों के अभाव में जीता है। यदि शुक्र कमज़ोर होता है तो जातक को कई प्रकार की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शुक्र ग्रह राहु के साथ आ जाए तो जीवन से स्त्री और धन का प्रभाव खत्म होने लगता है पीड़ित शुक्र के प्रभाव से बचने के लिए जातकों को शुक्र ग्रह के उपाय करने चाहिए।

  • भोजन में दूध, दही, चावल, शक्कर आदि उपयोग करें. इससे भी शुक्र मजबूत होगा.
  • गरीब ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, सुगंधित वस्तुएं, सौदर्य सामग्री, इत्र आदि का दान करें.
  • शुक्र को मजबूत करने के लिए आप ओपल या हीरा धारण कर सकते हैं
  • शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र मजबूत होता है और माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है.
  • महिलाओं का सम्मान करने, साफ-सफाई रखने और इत्र आदि का प्रयोग करने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है.
  • शुक्र ग्रह की शुभता पाने के लिए व्यक्ति को हर दिन श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त और कवच का जाप अवश्य करना चाहिए
  • जिनका शुक्र कमजोर हो उन्हें क्रीम रंग के कपड़े पहनने चाहिए. घर में तुलसी का पौधा और सफेद पुष्प लगाना शुभ होगा.
  • आलू में हल्दी डालकर गाय को खिलाना भी विशेष लाभकारी रहता है
  • स्वयं की स्वच्छता का ध्यान रखने के साथ ही अपने आसपास साफ-सफाई रखने से भी शुक्र ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है।













शुक्र ग्रह के मंत्र -

शुक्र का वैदिक मंत्र
ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।

शुक्र का तांत्रिक मंत्र
ॐ शुं शुक्राय नमः

शुक्र का बीज मंत्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः


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